Tuesday, August 12, 2008


अट्ठाईस बरस बाद टूटी भाग्य निंद्रा
उदय हुआ गौरव तुझसे अभिनव बिंद्रा |

स्वर्णिम हिमालय शिखर है
गूँजती हर तरफ देश प्रेम लहर है
जन -जन -मन गर्व प्रकाश निखरा |......उदय हुआ गौरव तुझसे अभिनव बिंद्रा

अर्जुन , कर्ण, कृष्ण , राम -बलराम
स्मरण हुवे पुनः अतीत के नाम
सकल विश्व मे भारत -गुणगान बिखरा | ....उदय हुआ गौरव तुझसे अभिनव बिंद्रा