Tuesday, March 8, 2011

जिसने सच कहा

जिसने सच कहा उसका बुरा हाल, होगा |
अब इस माहौल में जीना मुहाल, होगा |

दोस्त सच्चे हो तो आईना किस लिए ,
साथ अपने इस सामान पर मलाल, होगा |

है अपनी सूरते -रंग अपने ही हाथों में
वरना, तेरा अक्स तेरे हाथों बेहाल, होगा |

जिस शफ़क ने उठाया झूठ से पर्दा ,
वजूद पर उस के ही अब सवाल, होगा |

Sunday, February 13, 2011

बसंत की स्नेहिल कामनाओं सहित -

प्रेम -पुष्प, सुगंध की तलाश, बसंत |
बासंती,गुलमोहर,पलाश बसंत|

पल-पल पाते विस्तार प्रकृति के रंग,
स्वच्छंद विचरता मोहपाश, बसंत |

धुप - छाँव, सुख दुःख गतिशील सदा,
मधुबन को लौटाता विश्वास ,बसंत |

अलंकृत धरा दहलीज फागुन सत्कार ,
कण-कण प्रकृति में प्रतीत श्वास बसंत |