नि:शब्द यात्रा
Tuesday, March 8, 2011
जिसने सच कहा
जिसने सच कहा उसका बुरा हाल, होगा |
अब इस
माहौल
में जीना मुहाल, होगा |
दोस्त सच्चे हो तो आईना किस लिए ,
साथ अपने इस सामान पर मलाल, होगा |
है अपनी सूरते -रंग अपने ही हाथों में
वरना, तेरा अक्स तेरे हाथों बेहाल, होगा |
जिस शफ़क ने उठाया झूठ से पर्दा ,
वजूद पर उस के ही अब सवाल, होगा |
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