बसंत की स्नेहिल कामनाओं सहित -
प्रेम -पुष्प, सुगंध की तलाश, बसंत |
बासंती,गुलमोहर,पलाश बसंत|
पल-पल पाते विस्तार प्रकृति के रंग,
स्वच्छंद विचरता मोहपाश, बसंत |
धुप - छाँव, सुख दुःख गतिशील सदा,
मधुबन को लौटाता विश्वास ,बसंत |
अलंकृत धरा दहलीज फागुन सत्कार ,
कण-कण प्रकृति में प्रतीत श्वास बसंत |
No comments:
Post a Comment